Home कुशीनगर समाचार पडरौना कुशीनगर में 31 साल बाद पुलिस थानों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव

कुशीनगर में 31 साल बाद पुलिस थानों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव

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कुशीनगर जिले में एक ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिल रहा है। 31 साल बाद आज पुलिस थानों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाएगा। यह निर्णय 1994 के उस भयावह पचरुखिया कांड की यादों को पीछे छोड़ते हुए लिया गया है, जिसमें 6 पुलिसकर्मियों की दस्यु सरगना के साथ मुठभेड़ में शहादत हुई थी। इस घटना के बाद से स्थानीय पुलिस ने जन्माष्टमी का जश्न मनाना बंद कर दिया था, लेकिन इस साल एसपी संतोष मिश्रा के निर्देश पर यह परंपरा टूट रही है।

पचरुखिया कांड: एक दर्दनाक इतिहास30 अगस्त 1994 को कुशीनगर के पचरुखिया गांव में हुई इस मुठभेड़ ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया था। दस्युओं के साथ हुई इस हिंसक झड़प में 6 पुलिसकर्मियों, जिनमें एक सब-इंस्पेक्टर भी शामिल थे, ने अपनी जान गंवाई। यह घटना जन्माष्टमी के दिन हुई थी, जिसके बाद पुलिस ने इस त्योहार को मनाने से परहेज किया, मानो यह उनके शहीद साथियों को श्रद्धांजलि देने का एक मौन व्रत हो।

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह घटना “पचरुखिया कांड” के नाम से आज भी याद की जाती है।

31 साल बाद नई शुरुआतहालांकि, 2025 में परिस्थितियां बदल गई हैं। कुशीनगर के पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्रा ने इस साल जन्माष्टमी मनाने का फैसला लिया, जो कि एक सांस्कृतिक और भावनात्मक मोड़ माना जा रहा है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह कदम शहीदों की याद को सम्मान देने के साथ-साथ समाज में सकारात्मकता फैलाने की दिशा में उठाया गया है। थानों में विशेष पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है, जिसमें स्थानीय लोग भी शामिल हो सकते हैं।

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