संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद आर.पी.एन. सिंह ने कुशीनगर और आसपास के क्षेत्र के कामगारों के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने सदन में मांग की है कि कुशीनगर जिले में एक गैमका (GAMCA) मेडिकल सेंटर स्थापित किया जाए।
जानें GAMCA (गामका) मेडिकल क्या है?
अगर आप रोजगार या परिवार के साथ रहने के लिए खाड़ी देशों (GCC Countries) जैसे सऊदी अरब, कुवैत, दुबई (UAE), कतर, ओमान और बहरीन जाना चाहते हैं, तो वहां जाने से पहले आपको एक खास मेडिकल टेस्ट कराना अनिवार्य होता है। इसी मेडिकल प्रक्रिया को ‘गामका’ कहा जाता है।
क्यों जरूरी है यह मांग?
सांसद आर.पी.एन. सिंह ने बताया कि कुशीनगर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के हजारों लोग रोजगार के लिए खाड़ी देशों (Gulf Countries) जैसे सऊदी अरब, दुबई और कतर जाते हैं। इन देशों में काम करने के लिए जाने से पहले ‘गैमका’ सेंटर से हेल्थ चेकअप कराना अनिवार्य होता है।
वर्तमान में कुशीनगर के निवासियों को इस छोटे से मेडिकल टेस्ट के लिए लखनऊ या दिल्ली जैसे दूर-दराज के शहरों की दौड़ लगानी पड़ती है। इससे मजदूरों पर न केवल आर्थिक बोझ पड़ता है, बल्कि उनका काफी समय और मेहनत भी बर्बाद होती है।
सांसद ने सदन में क्या कहा?
सदन को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा, “2024 के आंकड़ों के अनुसार भारत के लगभग 1.85 करोड़ लोग विदेशों में रह रहे हैं, जिनमें से बड़ी संख्या खाड़ी देशों में काम करने वालों की है। कुशीनगर जैसे क्षेत्रों से बहुत से लोग बेहतर जीवन की तलाश में विदेश जाते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें उनके घर के पास ही सुविधाएं उपलब्ध कराएं।”
उन्होंने विदेश मंत्रालय से अपील की है कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के मजदूरों की समस्याओं को देखते हुए कुशीनगर में प्राथमिकता के आधार पर यह सेंटर खोला जाए।
क्या होगा फायदा?
अगर कुशीनगर में यह मेडिकल सेंटर खुलता है, तो इसका लाभ सिर्फ कुशीनगर ही नहीं, बल्कि महाराजगंज, देवरिया और गोरखपुर जैसे पड़ोसी जिलों के कामगारों को भी मिलेगा। इससे विदेश जाने की प्रक्रिया आसान होगी और मजदूरों को बिचौलियों व लंबी यात्रा के खर्च से मुक्ति मिलेगी।

