कुशीनगर (प्रभात):कुशीनगर जनपद में एक दशक से अधिक जापानी इंसेफेलाइिटस (जेई) का वायरस नन्हे मुन्ने बच्चों को अपने चपेट में लेकर मौत की नीद सुला रहा है,हर वर्ष एक दर्जन से अधिक बच्चें जेई के चपेट में आही जाते है.
अब जेई यानी जापानी इंसेफेलाइिटस को लेकर बड़ी रिपोर्ट सामने आयी है जो देश के तीन नामी संस्थानों द्वारा लगातार दो वर्ष तक शोध के बाद पता चला है.
इसके अनुसार सुअर व मच्छर का नमूना लेकर शोध किया तो देखा कि 9.9 फीसद बच्चों में जेई वायरस का इंफेक्शन पाया गया वही 74.5 फीसद सुअरों में जेई का वायरस मौजूद है जो आगे खतरे का संकेत है अगर समय रहते वैक्सीनेशन और वेक्टर (मच्छर) नियंत्रण पर ध्यान देकर कार्य नहीं किया गया तो ये अपना पाव पसार सकता है.
इस शोध के लिये कुशीनगर के तीन ब्लाक के 12 गांव के 125 घरों से नमूना लिया गया जिनमे पडरौना, कप्तानगंज और खड्डा शामिल है.