कुशीनगर : पडरौना कोतवाली क्षेत्र के गांव परसौनी कला स्थित अनाथ आश्रम में बुधवार को एसडीएम सदर, सीओ सदर व कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अनुज सिंह के साथ पुलिस बल व सामाजिक कार्यकर्ता से महिला की टीम से जुड़े लोगों ने अनाथ आश्रम में रह रहे 02 दर्जन बच्चों को रेस्क्यू करने पहुँचे।
जहाँ आश्रम संचालक व प्रशासन अधिकारियों के बीच खूब बहस हुई।वही वहा रह रहे बच्चों ने भी रोने व विरोध जता प्रशासन के सामने मुश्किल खड़ा कर दिया।
परन्तु फिर पुलिस प्रशासन द्वारा संचालकों पर सख्ती करते हुये बच्चों को रेस्क्यू कर सभी मेडिकल परीक्षण हेतु ले जाया गया।
जहां से उन्हें सीडब्ल्यूसी के पास पेश किया जायेगा जहां से बच्चों को सुरक्षित रखवाया जायेगा।
क्या है मामला :
दरअसल आरोप यह है कि परसौनी कला में लंबे अरसे से बिना सरकारी मान्यता के अनाथ आश्रम चल रहा है।जहां अभी करीब 02 दर्जन बच्चें है।जिनमे नाबालिक से किशोरावस्था तक के लड़के व लड़किया है।
कुछ वर्ष पूर्व इन सभी बच्चों को प्रशासन ने यहां से रिकवरी कर सीडब्ल्यूसी के यहाँ पेश कर पंजीकृत संस्था में रखवाना चाहा लेकिन।
संचालक द्वारा हाईकोर्ट में मामला ले जाकर कार्यवाही पर रोक लगवा दिया, जिसका मामला अभी न्यायालय में है।
वही इस बीच राज्य बाल आयोग की सदस्या डॉ शुचिता चतुर्वेदी ने अनाथ आश्रम का दौरा किया जहां उन्हें भारी कमी का उजागर हुआ।
जिसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन व शासन को दिया जिसमें अनाथ आश्रम पर भारी अनियमितताओं की रिपोर्ट दिया जिसमें प्रमुख रूप से बिना पंजीकरण के चलने, अलग अलग उम्र के बच्चों को एक साथ रखने, साफ़ सफ़ाई व बच्चों को ईसाई धर्म मे शामिल करने सहित गंभीर आरोप लगे।
जिसके बाद बुधवार को प्रशासन कार्यवाही हेतु पहुँचा लेकिन संचालक के द्वारा विरोध जताने मामला हाईकोर्ट में लंबित होने का हवाला देते हुये हो हल्ला मचाया गया लेकिन आखिरकार प्रशासन ने सभी बच्चों को रेस्क्यू कर लिया गया तथा ख़बर लिखे जाने तक मेडिकल परीक्षण हेतु ले जाया गया था।
हालांकि इस कार्यवाही के दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमे रेस्क्यू किये गये किशोर बालकों को गाड़ी में बैठाने के दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा पीटा जा रहा है।
जिसकी सभी निंदा कर रहे है इस मामले में जरूर पुलिस प्रशासन को अनाथ किशोरों के प्रति नरम रुख रखते हुये रेस्क्यू करना चाहिये था।