कुशीनगर:18.10.2016 को दैनिक जागरण कुशीनगर में छपी रिपोर्ट के अनुसार, तीन तलाक, चार निकाह व हलाला के खिलाफ अब अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाएं भी मुखर होने लगी हैं। सोमवार को भारतरत्न सर सैयद अहमद खान की जयंती पर सामाजिक कार्यकर्ता फातिमा बेगम ने खुले मंच से इसके विरोध का एलान किया। कहा कि अब तीन तलाक, चार निकाह व हलाला नहीं चलेगा। उन्होंने मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को आह्वान किया कि जिल्लत की जिंदगी से बचने के लिए वे आगे आएं। चार निकाह, तलाक और हलाला की व्यवस्था पर कड़ा प्रहार करते हुए इसे लागू करने के लिए मुल्ला और मौलवी को जिम्मेदार ठहराया। फातिमा ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय पुरुष प्रधान है। इस धर्म में महिलाओं को केवल वस्तु समझा जाता है। भारत के संविधान में लैंगिक आधार पर भेदभाव की अनुमति नहीं है। देश में मुस्लिम समाज पिछड़ेपन का शिकार है। अल्पसंख्यक महिलाओं की हालत काफी दयनीय है। पुरुष प्रधान व्यवस्था ने कुरान व हदीश की गलत व्याख्या कर महिलाओं को असहाय बना दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार से ऐसे नियम व कानून को बदलने की मांग की, जो महिलाओं का कमजोर बनाते हैं। उन्होंने एलान किया कि शीघ्र ही कुशीनगर की महिलाएं मौजूदा व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष के लिए आगे आएंगी।
दैनिक जागरण, कुशीनगर में छपी रिपोर्ट के अनुसार