कुशीनगर : अहिरौली थानाक्षेत्र के एक गाँव में हुये सामूहिक दुष्कर्म मामले में पीड़िता के परिजनों से शुरुआत में पुलिस रवैया बिल्कुल गैरजिम्मेदराना और लापरवाही भरा रहा परन्तु इस मामले को दबा पुलिस ने मामले में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार कर इसे तत्परता दिखाते हुये तत्काल कार्यवाही के नाम वाहवाही लुटी परन्तु इसके पहले की कड़ी की ख़बरे स्थानीय थाना पुलिस की भूमिका को उजागर कर दिया.
विभन्न प्रमुख समाचार पत्रों में आये ख़बरों के अनुसार पीडिता के परिजन जब सामूहिक दुष्कर्म मामले की तहरीर देने स्थानीय थाने पर गये तो वहा से उन्हें लौटा दिया गया,मामला जब मिडिया में आया तब पुलिस के अधिकारियों ने मामले की सत्यता जाँच के लिये गाँव गये जहा मामला सही होने पर केवल दुष्कर्म का मामला बनाया गया जबकि पीडिता के परिजनों ने सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला दर्ज करने की तहरीर दी थी.
बरहाल पुलिस ने मामले की गभीरता को समझा तथा मिडिया और सोशल मिडिया पर अपनी गलतियों को सुधार कर लोगों को गिरफ्तार कर किया.
वही इस मामले पर कुशीनगर से पूर्व सांसद राजेश पाण्डेय और आरपीएन सिंह ने दुःख जताया है तथा दोषियों पर सख्त कार्यवाही की मांग की है.
#कुशीनगर में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म की घटना पीड़ादायक है और इस पर पुलिस की लापरवाही शर्मनाक. अभी #अलीगढ़ की दुःसाहसिक घटना ने देश को स्तब्ध कर दिया था. यह समय सिर्फ सख्त कार्रवाई का नहीं, बल्कि समाज को खुद के भीतर झांकना होगा कि आखिर क्यों हमारी बेटियां हम से ही डर रहीं. pic.twitter.com/48slt30D6h
— Rajesh Pandey (@rajeshpandeyMP) June 10, 2019
Absolutely tragic & heinous crime in Kushinagar & then the mother asking for justice was sent back from the police station.Rather than the state & police keeping busy arresting journalists,focus on deteriorating law & order & crimes against women & girls https://t.co/pNySYkGXDl
— RPN Singh (@SinghRPN) June 10, 2019