कुशीनगर : जिले के वरिष्ठ अधिकारी जिलाधिकारी के आदेश को को महत्व नही देते और अपने मनमर्जी से उसे पालन करते है। जिससे पीड़ित, और शिकायकर्ता को समय पर न्याय मिलने में देरी होती है।
ऐसे मामले जिले में कई सामने आये जिनमे एक नेबुआ नौरंगिया के कलवारीपट्टी का मामला है।जहाँ पिछले माह के 23 तारीख को शपथ पत्र के माध्यम से गांव के मोहन साहनी ने ग्राम सभा मे
भारी सरकारी धन का दुरुपयोग, बंदरबांट और अनियमितता भरे हुये कार्य होने की शिकायत जिलाधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह से की थी।
जिसका संज्ञान लेकर जिलाधिकारी ने शिकायत के आधार पर बिंदुआर कार्य सत्यापन और अभिलेखों की जांच का आदेश जिला विकास अधिकारी तथा जिला पंचायत राज अधिकारी को 15 कार्य दिवस में कर रिपोर्ट देने को कहा था।
परन्तु लगभग एक माह होने पर भी जांच का कोई अता पता नही नाही रिपोर्ट की, वही जब शिकायतकर्ता जिला विकास अधिकारी से मिल इसके बारे जानकारी ली तो अभी जांच होने की बात कही गयी।
साथ ही शिकायतकर्ता का आरोप है कि जिला विकास अधिकारी का व्यवहार मामले की जानकारी लेने पर ठीक नही था।उल्टे हम लोगों को नसीहत देने लगे जांच से कुछ नही होगा।
जो एक गंभीर मामला है,15 दिन की जांच महीनों दिन बाद भी लंबित और ऊपर से उल्टे शिकायतकर्ता को नसीहत।अब देखना है जांच लंबित ही रहता है या इसकी जांच रिपोर्ट बाहर भी कभी आती है।
वही ख़बर है कि ग्राम प्रधान गांव में जांच रुकवाने और इस लंबित रखने में राजनेताओं और अपनी पैसे रसूख का प्रयोग कर मामले को दबाना चाहते है।
उधर शिकायतकर्ता युवाओं का कहना है कि यहाँ से देरी होने पर पूरे मामले को हाईकोर्ट में ले जायेंगे तथा कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग कर दोषियों को कटघरे में खड़ा करेगें।