कुशीनगर: कुशीनगर में प्रस्तावित महत्वाकांक्षी मैत्रेय परियोजना की 170 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री आज होगी। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मैत्रेय के चेयरमैन संजीव चौधरी और संस्कृति सचिव भी उपस्थित रहेंगे। सरकार ने ट्रस्ट को सौंपने की तैयारी पूरी कर ली है। रजिस्ट्री के बाद परियोजना का कार्य शुरू होने की बात कही जा रही है। यूं तो सरकार ने मैत्रेय परियोजना के लिए वर्ष 2006 में 650 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की थी। अब तक सरकार किसानों से 170 एकड़ भूमि का ही करार कर मुआवजा बांट चुकी है। बाकी की भूमि पर किसान करार करने को राजी नहीं है। शेष भूमि पर उच्च न्यायालय में कई वाद चल रहे हैं। ऐसे में सरकार व मैत्रेय ट्रस्ट के मध्य गैर विवादित भूमि पर परियोजना स्थापित करने के लिए सहमति बनी है। 13 दिसंबर 2013 को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने परियोजना का शिलान्यास किया था। तब से लेकर अब तक परियोजना के संदर्भ में तमाम कयास लगाए जा रहे थे।1 अब अनुबंध द्वारा मैत्रेय को जमीन सौंपने की बात सामने आने से परियोजना के धरातल पर उतरने की उम्मीद प्रबल हो गई है। परियोजना के तहत बुद्ध की 150 फुट उंची कास्य प्रतिमा, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध विश्वविद्यालय, बहुआयामी चिकित्सा केंद्र, मेडिटेशन सेंटर, पुस्तकालय सहित कई पर्यटन से जुड़े विकास कार्य होने है। परियोजना साकार होने के बाद कुशीनगर जहां नए स्वरूप में पर्यटन की दृष्टि से विश्व पटल पर उभरेगा तो वहीं स्थानीय स्तर पर भी पर्यटन व्यवसाय व रोजगार की अपार संभावनाएं फलीभूत होंगी। 1इस संबंध में एसडीएम, कसया ,श्रीप्रकाश शुक्ल ने बताया कि मैत्रेया ट्रस्ट को जमीन रजिस्ट्री करने संबंधी कोई निर्देश शासन से अभी प्राप्त नहीं हुआ है। वैसे इस परियोजना को लेकर शासन अत्यंत ही गंभीर है। प्रशासन अपनी पूरी तैयारी करके बैठा है। जैसा निर्देश मिलेगा त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
सौ० दैनिक जागरण,कुशीनगर, रिपोर्ट-अजय कुमार शुक्ल