कुशीनगर : नेबुआ-नौरंगिया ब्लाक के सेक्रेटरी प्रदीप कुमार मल्ल के आगे जिला प्रशासन बेवस नजर आ रहा है।जिलाधिकारी के आदेश पर भ्रष्टाचार और अनियमितता की जांच डीडीओ को सौंपी गई। परन्तु एक माह से ज्यादा होने के बावजूद सेक्रेटरी ने जांच के लिये अभिलेख उपलब्ध ही नही कराये।
फिर जिला विकास अधिकारी शेषनाथ चौहान ने जिलाधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह को 27 दिसम्बर को पत्र लिख सेक्रेटरी प्रदीप
कुमार मल्ल कलवारी पटटी विकास खण्ड नेबुआ नौरंगिया पर काफी समय बीतने के बाद भी जांच के लिये आवश्यक अभिलेख नही उपलब्ध कराने की सूचना दी है।
अब बताये जब सेक्रेटरी जिले के आलाधिकारी की नही सुन रहे तो आम आदमी की क्या सुनते होंगे इससे अंदाजा लगाया जा सकता है।
क्या है मामला- कलवारी पट्टी निवासी मोहन साहनी ने ग्राम सभा मे भारी सरकारी धन का दुरुपयोग, बंदरबांट और अनियमितता भरे हुये कार्य होने की शिकायत जिलाधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह से की थी।
जिसका संज्ञान लेकर जिलाधिकारी ने शिकायत के आधार पर बिंदुआर कार्य सत्यापन और अभिलेखों की जांच का आदेश जिला विकास अधिकारी तथा जिला पंचायत राज अधिकारी को 15 कार्य दिवस में कर रिपोर्ट देने को कहा था।
परन्तु यहाँ तो अभी जांच शुरू हो ही नही पाया कारण सेक्रेटरी द्वारा समय पर अभिलेख नही सौपना।
वही अब ख़बर है कि सेक्रेटरी के वेतन रोकने की ख़बर लगते ही कुछ सुगबुगाहट है।अब देखना है आगे क्या होता है परन्तु गांव के प्रधान अपनी सत्ता पार्टी के नेताओं के साथ सबंधो की आड़ में बड़े भ्रष्टाचार के मामले को लगातार दबाने का प्रयाश कर रहे।
यही कारण है कि सेक्रेटरी भी इनकी सह में एक माह बीतने के बाद भी अभिलेख देने से हीलाहवाली करते रहे।