कुशीनगर : कोरोना की रोकथाम में लगे कोरोना योद्धाओं डॉक्टरों को देश सम्मान व सलाम कर रहा है।वही पडरौना नगर में एक ऐसे डॉक्टर है जो मरीजों और उनके परिजनों से मारपीट को लेकर अक्सर चर्चा में रहते है।
नगर में 9 मई को फिर एक बार ऐसा ही मामला सामने आया है।जहां डॉक्टर पर आरोप है कि डाइग्नोस्टिक सेंटर द्वारा पहले अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट गलत दी गयी।
जब पीड़ित ने दूसरी जगह अल्ट्रासाउंड कराया तो रिपोर्ट पूरा विपरीत आया,साथ ही गलत रिपोर्ट के बारे में पूछने गया तो डॉक्टर द्वारा बुरी तरह मारापीटा गया।और बंदूक की बट से सर फोड़ दिया गया।
मामला कोतवाली में गया तो डॉक्टर किसी तरह थाने गया परन्तु अपने रसूख और पहुँच के कारण आराम से थाने से चला गया वही पुलिस बस मुखदर्शक बनी रही।
आइये मामले को विस्तार से समझते है खुद जो पीड़ित ने कोतवाली में डॉक्टर के खिलाफ़ तहरीर दिया है।
निवेदन है कि प्रार्थी परवेज आलम पुत्र शमीम,नेहरू नगर वार्ड 22 पडरौना, जिला कुशीनगर का निवासी है प्रार्थी ने अपने पत्नी का अल्ट्रासाउंड दिनाक 11-04-2020 को परख डाइग्नोस्टिक सेन्टर छावनी पडरौना में कराया था जिसमें रिपोर्ट में दो माह का गर्भ दिखाया जिसका टीटमेण्ट चल रहा था।
एक महीने बाद तबियत बिगड़ने पर डाक्टर को दिखाया तो उन्होने अल्ट्रासाउंड करने की सलाह दी जिसके बाद जब प्रार्थी दोबारा अल्ट्रासाउण्ड कराने परख डाइग्नो सेन्टर गया तो भीड अत्यधिक होने के कारण प्रार्थी का नम्बर नही आया जिसके फलस्वरुप दिनाक 08-05-2020 को शीतला डाइग्नोस्टिक सेन्टर में अल्ट्रासाउंड कराया।
जिसके रिपोर्ट मे किसी प्रकार की कोई गर्भ की पुष्टि नहीं, हुई। उसके बाद प्रेगनेंसी किट से भी जांच की गई जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आयी। जिसके आधार पर प्रार्थी आज दिनाक 09-05-2020 परख डाइग्नोस्टिक सेन्टर छावनी पहुँचा तो वहाँ मौजूद डाक्टर के पति कमलेश वर्मा व उनके तीन चार सहयोगी आए और वह गाली गलौज करते हुए मारपीट करने लगे।
जिसके बाद प्रार्थी के हाथ से रिपोर्ट छीनकर फाड़ दिया तथा मोबाइल भी छीन लिया, और उन सभी ने प्रार्थी को बुरी तरीके से पीटा और
उसके बाद भी मन नही भरा तो गार्ड की बन्दूक लेकर दौडाकर बन्दूक के कुण्डे से पीटा जिससे प्रार्थी को गम्भीर चोटे आयी, और तो और डाक्टर के पति कहने लगे कि तुम मेरा क्या कर लोगे शासन प्रशासन मेरे जेब मे रहता है।
अत महोदय से अनुरोध है कि मेरी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करे।
वही पीड़ित द्वारा मामला कोतवाली ले जाने पर कोतवाल द्वारा पुलिस बल को भेज डॉक्टर को बुलाया गया परन्तु वहाँ पहुँचते ही अपनी रसूख का प्रयोग कर किसी बड़े आदमी से फोन करा आराम से थाने से चला गया।
और साबित कर दिया कि कानून आम और खास के लिये अलग अलग है।जो निंदनीय है।अब देखना है पीड़ित को न्याय मिलता है या लीपापोती कर मामले को दबा दिया जाता है।
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