नारायणी के कहर से अपने घरों को तोड़, पलायन को मजबूर

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कुशीनगर : नारायणी नदी के लगातार उफ़ान व बढ़ते पानी स्तर के चलते उसके आसपास के रहने वालों गांवों का अस्तित्व मिटता जा रहा है।जहाँ लोग अपने गाढ़ी कमाई से बनाये आशियाने को अपने हाथों से उजाड़ने को मजबूर है।

लगातार नदी के कटान से खेत, खलियान, घर सब विलीन होते जा रहे है,यहाँ से पलायन कर रहे लोगों के लिये कोई सरकारी इंतजाम नही होने से उन्हें खाने ,रहने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

क्षेत्रीय विधायक अजय कुमार लल्लू ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर लिखा है  मर्माहत करती तस्वीर  

हमारे क्षेत्र के हालात नदी की कटान से संभल नहीं रहे। नोनियापट्टी उजाड़ते हुए AP बंधे तक पहुंची गंडक। चंद्रिका राम,सुरेश,प्रह्लाद,अमेरिका,संतोष,हृदया,जय प्रकाश,श्रीकांत,अनवत,राघव,धरम सहित दो दर्जन से अधिक लोग अपने आशियाने उजाड़ दर-बदर भटकने को हुए मजबूर।

 

Prabhat

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