कुशीनगर : साहित्यिक, सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था *सन्देश* के स्थापना दिवस के अवसर पर विशाल कवि सम्मेलन/मुशायरा का आयोजन श्रीनाथ संस्कृत महाविद्यालय हाटा-कुशीनगर के सभागार में हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता त्रिलोकी त्रिपाठी ‘चंचरीक’ तथा संचालन मधुसूदन मिश्र ने किया। मुख्य अतिथि डॉ. राजेश चतुर्वेदी एवं विशिष्ट अतिथि एड.याकूब अली खान साहब रहे।
प्रारंभ गीतकार शैलेन्द्र ‘असीम’ द्वारा सरस्वती वंदना एवं नाते पाक संस्था उपाध्यक्ष एड.अब्दुल हमीद ‘आरजू’ द्वारा किया गया।
तत्पश्चात भोजपुरी के मूर्धन्य कवि उगम चौधरी ‘मगन’ की रचना पर-
आइल बसन्ती बयार….
धनी फूल धनिया में लागल।। खूब तालियां बजीं।
तू मेरा कन्हैया, मै तेरी राधा गाकर भावना द्विवेदी ने सबको सम्मोहित कर दिया। युवा कवि असलम बैरागी ने चिरकुटनामा प्रस्तुत किया।
आकाश महेशपुरी की रचना….
याद बहुत आवे पुरईन के पत्ता पर खाइल….से अतीत और वर्तमान का समन्वय दर्शित किया।
शिव कुमार ‘मनमोही’ ने
वीणा को माँ तुम बजाती रहो…प्रस्तुत किया।आदित्य तिवारी की रचना-
उठो देश के वीर सपूतों,
माँ ने तुम्हें पुकारा है।
से माहौल जज़्बाती बना दिया।इम्तियाज समर साहब की गजल…
ज़फा,नफरत मिटाना चाहता हूँ।
प्यार का जमाना चाहता हूँ।
ने असीम ऊँचाई दी।
साहित्य-सूर्य चन्देश्वर ‘परवाना’ जी ने संस्थाध्यक्ष चंचरीक जी को स्वनिर्मित शॉल भेंट किया।संस्था-प्रबंधक अनिल त्रिपाठी ने आगंतुक कवियों, शायरों, पत्रकारों को अंगवस्त्र, दैनन्दिनी, लेखनी,प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया।
एड. कृष्णा श्रीवास्तव,संजय पांडे, लियाकत अली जौहर, चन्द्रहास वर्मा,विनोद पाण्डेय, सच्चिदानंद पाण्डेय, विनोद दीक्षित, भरत वर्मा, तन्वी पाण्डेय, माहीन खान,पूजा पाण्डेय, सपना पाण्डेय, डा. अर्शी बस्तवी, रमेश चंद,रामजी कुशवाहा सहित अनेक रचनाकारों की सहभागिता रही। सन्देश के पदाधिकारियों ने आगन्तुकों का आभार ज्ञापित किया।