लखनऊ :लखनऊ पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो चोरी की गाड़ियों को बड़े ही शातिराना तरीके से उसके नंबर व चेसिस नंबर बदल उसे उचे दामों में बेचकर मुनाफ़ा कमाते थे।
इस मामले अभी पुलिस ने 05 लोगों को पकड़ा है वही अभी आधा दर्जन फ़रार है जिनकी तलास जारी है।
बताया गया है कि दिनांक 15.06.20 को थाना चिनहट की टीम को चेकिंग के दौरान एक वाहन आई ट्वेन्टी रजिस्ट्रेशन न0 UP32FB7474 में बेठे व्यक्ति वाहन को छोडकर भाग गये।
वाहन को थाने लाया गया जब उसका नंबर चेक किया गया तो गाड़ी का मॉडल 2013 दिखा रहा था परन्तु गाड़ी बिल्कुल नयी थी।
इसके बाद पुलिस को गाड़ी के नंबर व चेसिस नम्बर बदलने का शक हुआ।इस पर पुलिस द्वारा फोरेंसिक जांच टीम से संपर्क कर जांच करने की मांग की गयी और जब जांच किया गया तो शक सही निकला, गाड़ी का नंबर व चेसिस बदला गया था।
टीम द्वारा तकनीक का प्रयोग कर पुराना चेसिस नंबर प्राप्त कर लिया गया।चेसिस न0 के आधार पर वाहन का रजिस्ट्रेशन नं) UP 32KW3999 पाया गया व वाहन के बारे में जानकारी की गयी तो पता चला कि थाना गोमती नगर क्षेत्र से दिनांक 05.06.20 को वाहन चोरी हुआ है।
पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो इस मामले में 05 लोगों की गिरफ्तारी की गई जो इस प्रकार है।
1-नासिर खान उर्फ छोटी पुलिस S/O स्व० नसरत अली निवासी 109/105 माडल हाउस थाना अमीनाबाद लखनऊ उम्र करीब 42 वर्ष
2-रिजवान s/o मो0 शोएब निवासी 462/235E रामगंज हुसैनाबाद थाना ठाकुरगंज लखनऊ उम्र करीब 50 वर्ष
3-श्याम जी जायसवाल SO स्व) पन्ना लाल जायसवाल निवासी C 232 विश्व बैंक कालोनी थाना बर्रा कानपुर नगर उम्र करीब 45 वर्ष
4-विनय तलवार SOस्व0 सतीश कुमार निवासी-551 झ/29 राम नगर थाना आलमबाग लखनऊ उम्र करीब 57 वर्ष
5-मोईनुद्दीन खान उर्फ पप्पू खान पुत्र स्व। कमरूद्दीन खान नि0 58 शिवनगर खदरा थाना हसनगंज लखनऊ उम्र करीब 42 वर्ष
इनसे पूछताछ व निशानदेही पर 50 गाड़िया बरामद हुई है।पकड़े गये लोगों में एक एक्टर व दूसरा चोरी के पैसे से बैंकाक में होटल बनाने जा रहा था।
चोरी करने के तरीके के बारे में जाने
जब कोई वाहन बड़ी दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो जाता है तब प्राइवेट इन्सोरेन्स कम्पनियों द्वारा ऐसे वाहनो को टोटल लास कर वाहन स्वामी को इन्सोरेन्स का भुगतान कर कबाड़ घोषित करने के बजाय वाहन को पेपर सहित सबसे अच्छी बोली लगाने वाले कबाड़ी को बेच देती है।
आपराधिक प्रवृत्ति गिरोह के सदस्य ऐसे वाहनों को मय कागजात खरीद कर कार चोर गिरोह से सम्पर्क बनाकर उसी मेक व मांडल की गाड़ी कोषडयन्त्र के तहत योजनाबद्ध तरिके से चोरी कराते है।
अथवा चोरी होकर आई गाड़ी के मेक व मॉडल के अनुसार टोटल लास गाड़ी को मय कागजात कबाड़ी द्वारा खरीद लिया जाता है।
गिरोह के अन्य सदस्य जो चेसिस नं0 व इंजन न0 बदलने में अभ्यस्त होते है टोटल लाँस वाहन का चेसिस नं0 व इंजन नं0 को खराद कर चोरी के वाहन पर उकेर देते है ।वाहनों के ECM व आडिन्टिफिकेशन चिप भी बदल दिया करते है।
कूटरचित वाहन को मरम्मत / पेन्ट होना बताकर ग्राहको को बेच देते थे।