कुशीनगर: कुशीनगर के फाजिलनगर ब्लाक स्थित ग्राम सरैया महंथ पट्टी के प्राचीन मरिचहिया डीह के पास तीन प्राचीन सिक्के मिले हैं। पुरातत्वविद डा. श्याम सुंदर सिंह के अनुसार ये सिक्के मौर्यकाल से लेकर मौर्येत्तर काल तक के हो सकते हैं। इससे पूर्व 1995 में यहीं एक पंच मार्क सिक्का मिला था।1 फाजिलनगर ब्लाक के करजहीं गांव निवासी राजेन्द्र पाण्डेय जो कि भगवान महावीर स्नातकोत्तर महाविद्यालय फाजिलनगर में पुस्तकालय अध्यक्ष है। ये सिक्के उनको टहलने के दौरान मिले। सिक्कों को घर लाकर उन्होंने पुरातत्वविद डा. श्यामसुंदर सिंह से पहचान कराई तो उन्होंने इन्हें मौर्यकाल से लेकर मौर्येत्तर काल के बीच का बताया। इन्हें कास्ट कापर क्वाइन व ट्राइबल क्वाइन भी कहते हैं। इन सिक्कों का निर्माण पंचमार्क सिक्कों के बाद का है। 1 324 ईसा पूर्व मौर्यकाल का शासन था। पुरातत्वविद डा. श्यामसुंदर कहते हैं कि इस तरह के सिक्कों का प्रचलन कुषाण सिक्कों के समानांतर उनके प्रारंभिक समय तक रहा। मरिचहिया डीह का पुरातत्व स्थल एक विस्तृत नगर का है। वर्तमान में कुलकुला और प्राचीन काल का कुकुत्था पुरैना घाट के पूर्वी तट पर होने के कारण एक पोर्टल नगर की भूमिका में था। मध्य एशिया से लेकर सुदूर तक के व्यापारी काफिले के साथ यहां आते-जाते थे और व्यापारियों के सामानों का उतार-चढ़ाव होता था। वह कहते हैं कि इस तरह के सिक्के का मिलना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
सौ० दैनिक जागरण कुशीनगर