कुशीनगर : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते है जहाँ कई बार अपनी पार्टी की भी किरकिरी कराते रहते है।
अब हाल में ही दिये एक बयान के कारण चर्चा में जहाँ उन्होंने भगवा वस्त्र पहन मंदिरों में रेप करने का बयान दिया था, इसी बयान को लेकर जिले कसया थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिसमे उनके ऊपर आईपीसी की धारा 153A, 295A, 298, 505(2)के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।
यह मामला कुशीनगर के विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी के बेटे दिव्यवेंदू मणि ने दर्ज कराया है।जहाँ उन्होंने धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है।
लगी धाराओं के बारे में मुख्य बाते जाने –
1- आईपीसी की धारा 153 (ए) उन लोगों पर लगाई जाती है, जो धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं। धारा 153 (ए) के तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। अगर ये अपराध किसी धार्मिक स्थल पर किया जाए तो 5 साल तक की सजा और जुर्माना भी हो सकता है।
2-भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए के मुताबिक़ दूसरों की धार्मिक भावनाएं आहत करने पर जेल का प्रावधान है।
3- आईपीसी की धारा 298 किसी व्यक्ति को हानि पहुंचाने के इरादे से बोलने वाले शब्दों से संबंधित है।
4- धारा 505 (2) व्यक्तियों के वर्गों के बीच शत्रुता या शत्रुता की इच्छा को बढ़ावा देने या बढ़ावा देने के बयान से संबंधित है। प्रावधान मुख्य रूप से अफवाह फैलाने से संबंधित है। यह प्रावधान उन मामलों से संबंधित है जहां बयानों को जानबूझकर इरादे से किया जाता है।